कुशीनगर

  • कुशीनगर, गोरखपुर से लगभग 53 किमी की दूरी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहीं पर गौतम बुद्ध ने अपने जीवन की आखिरी सांस ली थी, जिस वजह से इसे प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल भी माना जाता है।
  • हर साल दुनिया भर से हज़ारों पर्यटक और श्रद्धालु यहां आते हैं।
  • अनूठी डिज़ाइन वाले महापरिनिर्वाण मंदिर में लेटे हुए बुद्ध की विशालकाय मूर्ति है। यह मूर्ति 1876 की खुदाई में प्राप्त हुई थी।
  • यहां के स्मारकों को तीन वर्गों में बांटा जा सकता है; निर्वाण स्थल, मध्य स्तूप, मठाकुआर कोट और रामभर स्तूप के आसपास का इलाका।

निर्वाण स्तूप

ईंटों से बना यह स्तूप 1876 की खुदाई के दौरान खोजा गया था, जो 2.74 मीटर ऊँचे चबूतरे पर स्थित है। इस स्तूप की ऊँचाई भू-तल से 19.81 मीटर है। इसी स्थान पर तांबे का एक बर्तन भी मिला, जिस पर प्राचीन ब्रह्मी लिपि में कुछ शब्द अंकित थे, जिसके मुताबिक भगवान बुद्ध के अवशेष यहां रखे हैं। इसके साथ यहां 5वीं सदी के चांदी के सिक्के भी प्राप्त हुए थे।

महापरिनिर्वाण मंदिर

यहां लेटे हुए बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा है, जिसकी लंबाई 6.10 मीटर है। इसे 1876 में हुई खुदाई के दौरान खोजा गया था। बलुई पत्थर को तराश कर बनाई गई इस मूर्ति में मरणासन्न  मुद्रा में बुद्ध को सीधी करवट लेटे हुए दिखाया गया है। इसके नीचे अंकित तारीख के मुताबिक यह मूर्ति पांचवीं सदी की है।

मठाकुआर मंदिर

निर्वाण स्तूप से यह स्मारक 400 यार्ड दूर है। बोधि पेड़ के नीचे भूमि स्पर्श मुद्रा (ज़मीन छूती मूर्ति) में भगवान बुद्ध की प्रतिमा यहां खुदाई के दौरान खोजी गई थी। मूर्ति के नीचे अंकित तारीख इसे 10वीं-11वीं सदी का बताती है। इसके बगल में ही एक मठ के अवशेष भी खुदाई के दौरान मिले थे।

रामभर स्तूप

महापरिनिर्वाण मंदिर से 1.5 किमी स्थित यह विशाल स्तूप 15 मीटर की ऊंचाई तक खड़ा नज़र आता है। यह वह जगह है जहां भगवान बुद्ध का दाह-संस्कार किया गया था। प्राचीन बौद्ध अभिलेखों में इसे “मुकुट-बंधन चैत्य” के नाम से निरूपित किया गया है।

वत्थइ मंदिर

यह एक विशाल मंदिर है, जो विशिष्ट थाई बौद्ध शैली में बना हुआ है।

चीनी मंदिर

यहां का मुख्य आकर्षण भगवान बुद्ध की एक बेहद खूबसूरत प्रतिमा है।

जापानी मंदिर

जापान से लाई गई भगवान बुद्ध की अष्टधातु से बनी मूर्ति यहां स्थित है, जो सबका ध्यान आकर्षित करती है।

बुद्धा संग्रहालय

कुशीनगर में विभिन्न स्थलों की खुदाई से प्राप्त चीजों को यहां रखा गया है।

इसके अलावा इंडो-जापानी, श्री लंका, कोरिआ और म्यान्मार के मंदिर समेत बिड़ला हिन्दू बुद्ध मंदिर, शिव मंदिर, राम-जानकी मंदिर और मेडिटेशन पार्क भी यहां के अन्य घूमने लायक स्थलों में शामिल है।

समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक

खुलने का दिन: मंगलवार से रविवार

बंद: सोमवार