महाराष्ट्र के नासिक जिले में एक क्षेत्र विशेष में ठाण नाम के कई गाँव हैं। इसके पीछे लोक मान्यता ये है कि हिरण रूपी मारीच जंगल में पेड़ों और झाड़ियों के पीछे जान बचाने के लिये छिपता रहा । उसकी मृत्यु से पूर्व रामजी ने अनेक स्थानों पर खडे़ होकर निशाना साधा था किन्तु तीर चलाने से पहले वह भाग लेता अतः ठाण नाम के अनेक स्थल हैं । ठाण का अर्थ है खडे़ होना।
वा.रा. 3/44/1 से 3/44/22 तक मानस, 3/26/6 से 3/27/1 तक