श्रीराम ने विभीषण केे अनुरोध पर धनुष की नोक से पुल तोड़ दिया था। वह स्थान आज भी धनुषकोटि के नाम से प्रसिद्ध है। वा.रा. 6/123/19, 20 मानस 6/1/2 से 6/2/3
रामनाथ मंदिर यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। श्रीराम ने इसकी स्थापना की थी। मंदिर विश्व के भव्यतम तथा विशालतम मंदिरों में से एक है। मंदिर परिसर में बने 22 कुण्डों में सभी के जल का स्वाद भिन्न-भिन्न है। वा.रा. 6/123/19, 20, मानस 6/1/2 से 6/2/3
अग्नि तीर्थ मुख्य तीर्थ स्थल है। यहां स्नान कर मुख्य मंदिर के दर्शन किये जाते हैं। श्रीराम ने यहाँ स्नान किया था।
जटा तीर्थ रामेश्वरम मंदिर से धनुषकोटि के मार्ग में जटातीर्थ है। यहाँ श्रीराम ने अपनी जटाएँ धोयी थीं। यहाँ स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है।
कोदण्ड का अर्थ है धनुष। समुद्र में एक प्राचीन मंदिर में श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, जामवंत तथा विभीषण जी के बहुत सुन्दर विग्रह हैं। यहीं विभीषण जी श्रीराम की शरण में आये थे तथा यहीं उनका राज्याभिषेक किया था।