भारतवर्ष में श्रीराम / ShriRam in Bharatvarsh

अयोध्या इलाहाबाद उड़ीसा उत्तर प्रदेश उमरिया उस्मानाबाद ओडीशा कर्नाटक खम्मम गोण्डा चित्रकूट छतीसगढ जनकपुर जांजगीर जालना झारखंड तमिलनाडू तेलंगाना तोरोमाटी धमतरी नांदेड़ नागपुर नासिक नेपाल पन्ना प्रतापगढ़ प्रयागराज फिंगेश्वर फैजाबाद बक्सर बलिया बस्तर बिहार मऊ मधुबनी मध्य प्रदेश मलकानगिरी महाराष्ट्र रामनाथपुरम रायपुर सतना सरजू जी सरयू जी सिहावा होशंगाबाद

शिबरी नारायण से 4 कि.मी. दूर खरोद गाँव में भगवान शिव के इस प्राचीन मंदिर की स्थापना लक्ष्मणजी ने की
अंतराष्ट्रीय धरोहर के रूप में ख्याति प्राप्त हम्पी त्रेतायुगीन महत्वपूर्ण स्थल है । हंपी से कुछ दूरी पर अवस्थित प्रस्रवण
देवघाट प्रतापगढ़ स्यंदिका का वर्तमान नाम सई है। जहाँ से श्रीराम ने नदी पार की वह स्थान प्रतापगढ़ से 12
मुत्तुकुड़ा से 10 कि.मी. दक्षिण दिशा में तीरताण्ड धाणम में ऋषि अगस्त्य के आदेश पर श्रीराम ने शिव पूजा की
श्री राम मंदिर बासर माना जाता है कि इसी स्थान पर माँ सरस्वती की कृपा से राजा दशरथ जी ने
श्रीराम ने  अपने जीवन का प्रथम युद्ध यहाँ किया था। यहीं से उनके वीर चरित्र का उद्भव माना जाता है।
कोंटा नगर से 8 कि.मी. उत्तर में शबरी नदी के किनारे इंजरम गाँव के पास कुछ वर्षों से एक शिव
शरभंग जी के और भी कई आश्रम मिले हैं। सभी स्थलों पर श्रीराम व शरभंग जी की भेंट नहीं हुई
सिद्धा पहाड़ ऋषियों की अस्थियों के ढेर से बना है। इसमें रंग-बिरंगी बजरी निकलती है। यहीं श्रीराम ने भूमि को
कोटिश्महेष्वर कोटुमसर कोटि महेश्वर का अपभ्रंश है कोटूमसर। जगदलपुर से 40 कि.मी. दूर दक्षिण दिशा में राष्ट्रीय उद्यान में एक