भारतवर्ष में श्रीराम / ShriRam in Bharatvarsh

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गोदावरी के किनारे गंगापुर तालुका में श्रीराम द्वारा स्थापित भगवान शिव का रामेश्वर मंदिर है। लोकमान्यता के अनुसार श्रीराम के
मारकुण्डी स्टेशन से एक कि.मी. दूर मार्कण्डेय आश्रम है। मारकुंडी मारकण्डेय का अपभ्रश है। यहाँ भगवान शिव का प्राचीन मंदिर
यहां सुग्रीव जी ने स्नान किया था। लंका से अयोध्या जी आते समय श्रीराम अपने मित्रोें व सेनापतियों सहित अयोध्या
मोहनगंज नदी का वर्तमान नाम सकरनी नदी है। यह प्रतापगढ़ से पूर्व दिशा में लगभग 8 कि.मी. दूर है। ग्रंथ
राले गाँव में सीता मन्दिर बना है। सीताजी के श्राप से अभी भी इस गाँव में गेहूँ पैदा नहीं होता।
श्रीराम मंदिर राम कलेवातारा नदी का वर्तमान नाम बकुलाही है। नदी में कंकड़ रेती बहुत होती थी इसलिए नाम बालुकिनी
वाल्मीकि आश्रम लालापुर गाँव के पास एक पहाड़ की कठिन चढ़ाई के बाद चोटी पर महर्षि वाल्मीकि का एक प्राचीन
श्री सीता राम जी ने यहाँ यमुना के तट पर रात्रि विश्राम किया था। वा.रा. 2/55/23 यमुनाघाट जलालपुर से सीता
धो पाप कुण्ड श्रीराम ने ब्रह्महत्या से छुटकारे के लिए कई स्थानों पर यज्ञ व दान किये थे। गोमती नदी