वाल्मीकि रामायण में तमसा नदी से आगे चलने पर भगवान राम द्वारा अनेक नदियों के पार करने का विवरण मिलता है । इनमें वेदश्रुति नदी भी सम्मिलित है । वेदश्रुति नदी का वर्तमान नाम विसूही है । नदी पार करने के बाद माता जानकी ने जिस स्थान पर माता गिरिजा की विशेष पूजा अर्चना की उसकी याद लोक मानस में बनी रही । गिरिजा का नाम बदल कर गविरजा या फिर कवर्जा चलन में बना रहा । आप भी दर्शन करें ।
श्री राम ने वेदश्रुति नदी यहीं से पार की थी यह स्थान वेदरा तथा भैरवपुर टिकरा के पास है। लगभग 25 कि.मी. पड़ता है।
ग्रंथ उल्लेख
वा.रा. 2/49/10
आगे का मार्ग
वेदश्रुती नदी से धोपाप :- माया नन्सा रोड – जाना बाजार – मनुपरु पुरवापट्टी – धमहर – गोहानी कला – कुरेभर – करौदीपुर – बाबूंगज -बसौधी-रतनपुर-कस्बा सुलतानपुर- गोमती नदी। 40 कि.मी. मात्र पैदल 35 कि.मी.