तापस हनुमान मंदिर मुरका धाम

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में यमुना जी के तट पर अवस्थित मुरका धाम में तापस हनुमान की एक विलक्षण प्रतिमा है । नृत्य मुद्रा में विराजमान हनुमान जी के ये विग्रह अत्यंत जागृत माने जाते हैं । पूजन में नियम निष्ठा में कोई चूक हो जाये तो पुजारी को कठोर दंड भुगतना पड़ता है । ऐसे में कोई पुजारी लंबे समय तक यहां टिक नहीं पाता है ।

हनुमान जी की इस प्रतिमा के बारे में रहस्यात्मक विवरण ये प्राप्त हुआ है कि यहां गुप्त रूप से भगवान राम और हनुमान जी का प्रथम मिलन हुआ था ।इस धाम का मुरका नाम भी विशिष्ट है ।

मुरकाना का अर्थ है वापस भेजना। भरद्वाज ऋषि ने चार शिष्य श्रीराम को मार्ग बताने के लिए साथ भेजे थे। श्रीराम ने वे चारों शिष्य यहाँ से वापस मुरकाये थे। हनुमान जी की नृत्य मुद्रा में एकमात्र मूर्ति यहाँ देखी गयी है जो मानस में बताये एक तापस के स्वरूप से पूर्णतः मेल खाती है।

ग्रंथ उल्लेख

मानस 2/108/2 2/109/4 से 2/210/3 तक।

आगे का मार्ग

तापस हनुमान से दशरथ घाट नेउर कुमारद्वयः- मुरका-छिऔलहा-मऊ- जठवारा-नेउर-दशरथ घाट- राम नगर कुमारद्वय। 44 कि.मी.