धनुषकोटि रामेश्वरम

श्रीराम ने विभीषण केे अनुरोध पर धनुष की नोक से पुल तोड़ दिया था। वह स्थान आज भी धनुषकोटि के नाम से प्रसिद्ध है।

वा.रा. 6/123/19, 20 मानस 6/1/2 से 6/2/3