श्रीराम, लक्ष्मण का विराध से लम्बा संघर्ष चला था और विराध वध में दोनों के हथियार तथा वस्त्र भी खून से सन गए थे। टिकरिया तथा मारकुंडी के बीच एक विशाल पुष्करणी में उन्होंने अपने हथियार तथा वस्त्र धोये थे।
वा.रा. 3/4/5 से 12 परिस्थितिजन्य।
पुष्करिणी से मारकण्डेय आश्रमः- टिकरिया-जमुनिहाई-मारकण्डेय आश्रम। 12 कि.मी