मार्कंडेय आश्रम नया दरबार

नवास क्रम में सोनभद्र तथा महानदी के पवित्र संगम पर श्रीराम ने दशरथ जी का श्राद्ध किया था। अब भी सोनभद्र के किनारे प्राचीन बस्ती के अवशेष नदी में मिलते हैं। यहाँ मारकण्डेय ऋषि का आश्रम हुआ करता था जो जल डूब के क्षेत्र में आ गया है । प्राचीन आश्रम की स्मृति में नया आश्रम नया दरबार में बनाया गया है । त्रेता युग में श्री राम यहां मार्कण्डेय ऋषि से मिलने आये थे ।