रामायण वर्णन के अनुसार तीनों ने गंगा पार कर एक रात्रि विशाला नगरी में विश्राम किया था। रामजी को विश्वामित्र मुनि ने विशाला नगरी के बारे में विस्तार से बताया । वहां के तत्कालीन राजा सुमति मुनि के दर्शन के लिये यहां आये और दशरथ नंदन से मिलकर बड़े प्रसन्न हुए थे ।
समकाल में यह स्थान रामचौरा के नाम से प्रसिद्ध है । विशाला नगरी कालक्रम में वैशाली के रूप में विख्यात हुई । वैशाली अब बिहार प्रान्त का एक प्रमुख जिला बन गया है । वैशाली जिले में हाजीपुर नगर में गंगाजी के किनारे स्थित है। विश्वास किया जाता है कि उन्होंने यहीं से गंगा पार की थी तथा यहाँ स्नान किया था। भोजपुरी में चौरा का अर्थ है उपवन। संभवतः यहाँ पहले उपवन था।
ग्रंथ उल्लेख
वा.रा. 1/35/7 से आगे पूरा अध्याय 1/47/17 से 22, 1/48/1 से 9 मानस 1/211/1, 2
आगे का मार्ग
रामचौरा से अहिल्या आश्रम कोनहरा घाट – सराय रेलवे स्टेशन – भिटौली रे. स्टेशन – भगवानपुर मुजफ्फरपुर –
कटरा – रतनपुर – अहियारी राष्ट्रीय राजमार्ग – 77 राष्ट्रीय राजमार्ग – 527 से – 116 कि.मी.। पैदल 102 कि.मी.