रामेश्वर सौताड़ा

लोक कथा के अनुसार श्रीराम यहाँ ऋषि पंडित आचार्य से मिलने आये थे। ऋषि संस्कृत विद्यालय चलाते थे। यहाँ श्रीराम ने शिव पूजा की थी  इसीलिए मंदिर का नाम रामेश्वर है।