रामसैया सिंगरोर श्रीसीता राम ने यहाँ एक रात्रि विश्राम किया था। निशाद राज गुह ने यहाँ घास की शैया तैयार की थी। यहाँ आज भी उसकी स्मृति में शैया तथा इंगुदी का पेड है। पास ही वीरासन है, जहाँ रात्रि को लक्ष्मण जी ने वीरासन पर बैठ कर रात को पहरा दिया था।
ग्रंथ उल्लेख
वा.रा. 2/50/49, 50, 51 मानस 2/88/2, 3