यह स्थान पूर्वी चम्पारन में मोतिहारी से लगभग 20 कि.मी. पूर्व दक्षिण कोण में है। माना जाता है कि श्रीराम की बारात ने यहाँ रात्रि विश्राम किया था। यहाँ कुण्ड में सीता माँ का कंगन खुला था। इस कुण्ड में पानी नीचे से ही आता है तथा कभी सूखता नहीं।
पास ही भूमि में एक जल स्रोत है जिसे गांगेय कहते हैं। इसका सम्बन्ध गंगा माँ से माना जाता है।
यहाँ बारातियों ने स्नान किया था। पास ही श्री सीतारामजी तथा गिरिजा नाथ जी का मंदिर है जहाँ बारात ने शिव पूजा की थी।
वा.रा. 1/69/7 मानस 1/303/3, 1/342/4 से 1/343/4 तक