Shri Ayodhya Ji – Hatyaharan (Hardoi) हत्या हरण तीर्थ

हत्याहारण तीर्थ उत्तर प्रदेश प्रदेश के हरदोई जनपद की संडीला तहसील में पवित्र नैमिषारण्य परिक्रमा क्षेत्र में स्थित है।

यह तीर्थ लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रसिद्ध हत्याहारण कुंड तीर्थ के संबंध में यह मान्यता है कि भगवान राम भी रावण वध के उपरांत ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त होने के लिये इस सरोवर में स्नान करने आये थे।

इस तीर्थ की नीव देवो में देव महादेव ने डाली थी। शिव पुराण में वर्णन है!कि माता पार्वती के साथ भगवान भोले नाथ एकांत अर्रान्य(जंगल)कि खोज में निकले और नैमिषारण्य क्षेत्र में विहार करते हुए एक जंगल में जा पहुचे। वहा पर सुरम्य जंगल मिलने पर वहा तपस्या करने लगे। तपस्या करते हुए माता पार्वती को प्यास लगी जंगल में कही जल ना मिलने पर उन्होंने देवताओ से पानी के लिए कहा तब भगवान सूर्य ने एक कमंडल जल दिया। जल पान करने के बाद बचे जल को जमीन पर गिरा दिया। तेजस्वी पवित्र जल से वहा पर एक कुण्ड का निर्माण हुआ। जाते वक्त भगवान शंकर ने इस स्थान का नाम प्रभास्कर छेत्र रखा !यह कहानी सतयुग की है!काल बीतते रहे। द्वापर में ब्रम्हा द्वारा अपनी पुत्री पर कुद्रस्ती डालने पर पाप लगा। उन्होंने इस तीर्थ में आकर स्नान किया तब वह पाप मुक्त हुए। तब इस तीर्थ का नाम ब्रम्ह छेत्र पड़ा। त्रेता में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने रावण का बध किया। तो भगवान राम के हाथ में बल जम आया !ब्रम्हहत्या लगी!तब गुरु के कहने पर भगवान राम ब्रम्ह हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए। इस तीर्थ पर आये और स्नान कर पाप धुले। तब जाकर ब्रम्ह हत्या के पाप से मुक्त हुए। तब त्रेता से आज तक इस स्थान का नाम हत्या हरण पड़ा। तब भगवान राम ने कहा था। जो इस स्थान पर आकर स्नान करेगा वह पाप मुक्त हो जायेगा। हत्या मुक्त हो जायेगा। यहाँ पर राम का एक बार नाम लेने से हजार नामो का लाभ मिलेगा। तब से आज तक लोग यहाँ इस पावन तीर्थ पर आकर हत्या गौ हत्या अन्य तरीके के पापो से मुक्ति पा रहे है। यह स्थान नैमिसरान्य के परिक्रमा स्थल के बीच में भी पड़ता है। यहाँ परिक्रमा स्थल के बीच में अट्ठासी हजार ऋषियों ने तपस्या की थी। इसलिए धार्मिक द्रस्ती से और भी महत्व पूर्ण है। इसके अलावा पांडव भी अपने कुल का नाश करने के बाद यहाँ पर पाप धुलने के लिए यहाँ आये थे। यह एक बिशाल पाताल तोड़ कुण्ड है। जिसके चारो तरफ मंदिर बने है। यहाँ पाप से मुक्ति पाने के लिए दूर से लोग आते है।