कपिलवस्तु प्राचीन शाक्य राजघराने की राजधानी हुआ करती थी। इसी राज परिवार के शासक शुद्धोधन सिद्धार्थ के पिता थें। सिद्धार्थ ही आगे चल कर महात्मा बुद्ध कहलाये और उन्हें शाक्यमुनि के नाम से भी जाना जाता है। शाक्य क्षेत्र छठी शताब्दी (ईसा पूर्व) में सोलह महाजनपदों में से एक था। इस राज परिवार के राजकुमार गौतम ने …
यह स्थान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार नेपाल में 86 किमी दूर स्थित है। यह भगवन बुद्ध का जन्म स्थान है। यहाँ से 60 किमी दूर सोनौली तक बसें चलती हैं और उसके आगे के 26 किमी के लिए नेपाल में उपलब्ध यातायात के साधनों का प्रयोग करना पड़ता है।
राप्ती नदी के तट पर यह स्थान सहेठ-महेठ के अवशेषों से चिन्हित है। यह प्राचीन कोसला साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र स्थान माना जाता है, क्योंकि यहाँ भगवान बुद्ध ने नास्तिकों को सही दिशा दिखाने के लिए कई चमत्कार किये थे। इन चमत्कारों में बुद्ध ने अपने कई रूपों के दर्शन …
कुशीनगर, गोरखपुर से लगभग 53 किमी की दूरी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहीं पर गौतम बुद्ध ने अपने जीवन की आखिरी सांस ली थी, जिस वजह से इसे प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल भी माना जाता है। हर साल दुनिया भर से हज़ारों पर्यटक और श्रद्धालु यहां आते हैं। अनूठी डिज़ाइन वाले …