भगवान राम के पुत्रों लव कुश के नाम पर निर्मित इस मंदिर में लव और कुश की मूर्ति के साथ महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमा भी स्थापित है इसके समीप अंबरदास जी राम कचेहरी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर तथा रंगमहल मंदिर हैं, जो अयोध्या के प्रमुख दक्षिण भारतीय मंदिरों में गिने जाते हैं
महान संत स्वामी श्री युगलानन्यशरण जी महाराज की तपस्थली यह स्थान देश भर में रसिकोपासना के आचार्यपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। श्री स्वामी जी चिरान्द (छपरा) निवासी स्वामी श्री युगलप्रिया शरण ‘जीवाराम’ जी महाराज के शिष्य थे। ईस्वी सन् १८१८ में ईशराम पुर (नालन्दा) में जन्मे स्वामी युगलानन्यशरण जी का रामानन्दीय वैष्णव-समाज में विशिष्ट …