सलेरू संगम मोटू मोटू से 2 कि.मी. दूर सलेरू तथा शबरी नदी का पवित्र संगम है। माना जाता है कि श्री सीता जी ने यहाँ स्नान किया था। यहाँ तक श्रीराम शबरी नदी के किनारे-किनारे आए थे।
श्री राम मंदिर, मोटू कोंटा से 8 कि.मी. दक्षिण दिशा में है । मोटू के जंगल में श्रीराम, लक्ष्मणजी व सीताजी, शिवजी, गणेश जी, आदि देवों के विग्रह भूमि से उभर रहे हैं। यहाँ जनता चाह कर भी मंदिर नहीं बना पा रही। खुदाई आरम्भ करते ही लाल रंग के साँप निकलते हैं। श्रीराम इसी …
मल्लीकेश्वर मंदिर मल्कानगिरि माल्यवंत गिरि का अपभ्रंश है। उड़ीसा के आदिवासियों के अनुसार वास्तविक किष्किन्धा यहीं है। यहाँ श्रीराम ने भगवान शिव की पूजा की थी।
डुमरीपाडा बालीमेला मल्कानगिरी से 90 कि.मी. पूर्वोत्तर में डुमरी पाड़ा नामक पहाड़ी व बस्ती है। लोक विश्वास के अनुसार यहाँ श्रीराम ने बाली को मारा था।
खैरपुट अम्मा कुण्ड से 15 कि.मी. आगे घाटी में सीता कुण्ड स्थित है। यहाँ सीता माँ की तलवार ‘ठकुराइन की तलवार’ के नाम से आज भी पूजी जाती है। यहाँ की वनवासी बंडा जाति की महिलाएँ आज भी सीता माँ का श्राप स्वीकारते हुए केश विहीन तथा निर्वस्त्र रहती हैं।