हमारे पूर्वजों ने श्रीराम यात्रा की स्मृति में उनके चरण चिह्नों को सहेज कर रखा है। युगों-युगों के बाद भी ये चरण चिह्न हमें श्रीराम का आदर्श तथा उनके यहां पधारने की कथा की पुष्टि करते हैं।
छोटा नागपुर के पास सिमडेगा से 20-25 कि.मी. उत्तर पश्चिम के घने जंगलों में श्रीराम ने अपने बाण से कुछ रेखाएँ खींची थी। यहां श्रीराम मंदिर तथा सीता रसोई भी है। यह गुमला जिले में है।