शरभंग आश्रम में श्रीराम को देवराज इन्द्र के दर्शन हुए थे। यहीं श्रीराम का आतिथ्य कर शरभंग मुनि ने योगाग्नि में स्वयं को भस्म किया था। चितहरा स्टेशन से 13 कि.मी. दूर घनघोर जंगल में यह विशाल आश्रम है। यहाँ राम-लक्ष्मण कुण्ड, श्रीराम बाण से बना गर्म ंजल का स्रोत, अश्वमुखी देवी का मंदिर, सूर्य कुण्ड, दुधमनिया कुण्ड सभी श्रीराम कथा से जुडे़ हैं।
वा.रा. 3/5 पूरा अध्याय, मानस 3/6/4 से 3/8/2 तक।