अश्वमुनि आश्रम

वाल्मीकि रामायण में अश्वमुनि के आश्रम का वर्णन ऋषियों के लिए सुरक्षित स्थल के रूप में आया है। शरभंग आश्रम के पास अश्वमुखी देवी का मंदिर है। यह भी मान्यता है कि यह देवी बहुत वीरांगना थीं तथा उन्होंने राक्षसों का संहार किया था। शोध तथा स्थल के क्रम के अनुसार अश्वमुनी का आश्रम यही है।

वा.रा. 3/116/20, 21, 22

अश्वमुनि से सुतीक्षण आश्रमः- पिपरावन- मरवा-सिलहा 8 कि.मी.