भरौली व उजियार

रामायण के अनुसार विश्वामित्र मुनि ने श्रीराम लक्ष्मण जी को रात्रि रहते ही उठाया तथा कुछ सामान्य क्रियाओं के बाद वे आश्रम को चल पड़े थे। इस क्षेत्र में एक कहावत है: -भोर भरोली भए उजियारा, बक्सर जाय ताड़का मारा अर्थात श्रीराम को जहाँ भोर हुई वहाँ भरोली गाँव है तथा जहाँ प्रकाश हुआ वहाँ उजियार गाँव बसा है।

इनमें आपसी अंतर भी लगभग 2 कि.मी. ही है।