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गुप्त हरि घाट ( गुप्तार घाट )

श्रीराम की लीला का यह अंतिम स्थल है। अखण्ड ब्रह्माण्ड के महानायक, जगत के आधार श्रीराम ने अपनी लीला सम्पन्न कर अयोध्या जी के सभी चर-अचर जीवों के साथ यहीं सरयू जी में प्रवेश कर वे अपने परम धाम को पधारे थे। वा.रा. 7/107 से 110 तक पूरे अध्याय

विभीषण कुण्ड तोरोमाटी

लंका से अयोध्या जी आते समय श्रीराम अपने मित्रोें व सेनापतियों सहित अयोध्या आये थे। सभी लोग श्रीराम के राज्याभिषेक में सम्मिलित हुए थे तथा राज्याभिषेक समारोह के बाद भी कुछ दिनों तक अयोध्या जी में रहे थे। तब श्रीराम ने सभी के रहने तथा स्नान आदि की अलग-अलग उत्तम व्यवस्था की थी। विशेष टिप्पणी: …

भरत कुण्ड नन्दीग्राम

नन्दीग्राम में भरतजी ने 14 वर्ष तक रहकर श्रीराम के चरण पादुकाओं का आश्रय लेकर अयोध्या जी का राज्य किया था। अयोध्या जी से लगभग 10 कि.मी. दूर यहीं श्रीराम तथा भरतजी का भावुक मिलन हुआ था। वा.रा. 2/112/ 23, 24, 25, 29, 6/127/36 से 54 मानस 2/315/2, 3, 2,/323/1, 2, 7/0/ दोहा से 7/2 …

हनुमान भरत मिलन मंदिर नन्दी ग्राम

नन्दी ग्राम में भरत जी तपस्या करते हुए श्रीराम के वापस अयोध्या आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी समय श्रीराम ने हनुमान जी को अपने समाचार देकर भरत जी से मिलने भेजा था। इस स्थल पर हनुमान जी व भरत जी की भावुक भेंट हुई थी। वा.रा. 6/125/36 से 46, 6/126 पूरा अध्याय मानस …

वद्रथी/बरूथी प्रतापगढ़

मोहनगंज नदी का वर्तमान नाम सकरनी नदी है। यह प्रतापगढ़ से पूर्व दिशा में लगभग 8 कि.मी. दूर है। ग्रंथ उल्लेखवा.रा. 6/125/26 आगे का मार्गवद्रथी से स्यंदिकाः-वद्रथी नदी से यात्री देवघाट, मोहन गंज, स्यंदिका नदी, देवघाट पर आयें।