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सीता कुंड सुलतानपुर

यहाँ गोमती नदी के किनारे महर्षि वालमीकि का आश्रम है। श्रीराम ने यहां से गोमती नदी पार की थी। सूल्तानपुर का पूर्व नाम श्रीराम जी के पुत्र कुश के नाम पर कभी कुशभानपुर बताया जाता है ग्रंथ उल्लेखवा.रा.2/49/11, मानस 2/187 4, 2 321/3 आगे का मार्गगोमती नदी से वद्रथीः- सुल्तानपुर-हुसैनगंज-खोखीपुर- मनियारी-कस्थुनी पूरव-मुसाफिरखाना- कंजास-सालपुर-जगदीशपुर-सरेसर -कामापुर-मोहनगंज। राष्ट्रीय …

गविर्जा देवी मंदिर

वाल्मीकि रामायण में तमसा नदी से आगे चलने पर भगवान राम द्वारा अनेक नदियों के पार करने का विवरण मिलता है । इनमें वेदश्रुति नदी भी सम्मिलित है । वेदश्रुति नदी का वर्तमान नाम विसूही है । नदी पार करने के बाद माता जानकी ने जिस स्थान पर माता गिरिजा की विशेष पूजा अर्चना की …

सूर्य कुंड

टाह डीह तीर्थ से आगे चलकर हम रामपुर भगन से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित सूर्यकुण्ड के दर्शन के लिये पहुँचते हैं । त्रेता युग में श्रीराम, लक्षमण तथा सीताजी ने यहां स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा की थी। आइये हम भी भगवान सूर्य का भावरूपी पूजन इस पल करें । ग्रंथ …

श्री राम मंदिर टाहडीह

ये है उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में अयोध्याजी के निकट टाहडीह में अवस्थित श्री राम मंदिर । टाहडीह की उत्पति ‘डाह’ शब्द से हुई है। अवधी में डाह का अर्थ है एकत्रित होकर रूदन करना। लोक मान्यता के अनुसार श्रीराम जी को न ढँूढ़ पाने के बाद अयोध्यावासियों ने यहाँ इकट्ठा होकर डाह किया …

श्री राम मंदिर पुरवा

पुरवा चकिया तीर्थ उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में तमसा नदी के तट से कुछ दूर गौराघाट के पास अवस्थित है । अयोध्याजी के नागरिकों को वनवास के कष्टों से बचाने के लिए श्रीराम जी उन्हें तमसा तट पर सोते छोड़ गये तथा यहाँ से रथ इस तरह घुमाया कि नागरिक रथ की लीक के …