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राम जानकी मंदिर मैहर

एक जनश्रुति के अनुसार मैहर के जंगल में एक प्राचीन शिव मंदिर था। यहाँ श्री राम ने पूजा की थी। एक प्राचीन मंदिर मैहर के निकट ही है मैहर में श्रीराम सखेन्द्र दास जी द्वारा स्थापित श्रीराम मंदिर है। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक।

रामसैल रक्सेलवा

सतना में अवस्थित रक्सेलवा गांव का नाम राकस यानि राक्षस के अपभ्रंश से बना है। यहां पर रामजी ने बड़ी संख्या में राक्षसों का निर्मम संहार किया था । ये स्थान सीता रसोई से चार कि.मी. दूर लेड़हरा पर्वत के पास है । इसका प्राचीन नाम रामशैल है। यहाँ श्रीराम के चरण चिह्न पूजे जाते …

सीता रसोई रक्सेलवा

यहाँ तीनों ने भोजन तथा रात्रि विश्राम किया था। मंदिर के पास ही चट्टानों में सीता रसोई है। वनवासी बंधु यहाँ पूजा करने तथा सीता माँ से मन्नत माँगने आते हैं। मंदिर के पास एक कूप को अमृत कुण्ड कहते हैं। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक। टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा …

सिद्धा पहाड़

सिद्धा पहाड़ ऋषियों की अस्थियों के ढेर से बना है। इसमें रंग-बिरंगी बजरी निकलती है। यहीं श्रीराम ने भूमि को राक्षसों से विहीन करने की भीष्म प्रतिज्ञा की थी। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक। टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा श्री रामचरित मानस के अनुसार सिद्वा पहाड़ से सुतीक्षण आश्रम तक कोई …

सुतीक्ष्ण आश्रम सिलहा

सिद्धा पहाड़ से 6 कि.मी. दूर सुतीक्ष्ण मुनि का आश्रम है। जैतवारा स्टेशन से एक पक्की सड़क यहां तक आती है। यहाँ श्रीराम, लक्ष्मण, सीताजी तथा सुतीक्ष्ण मुनि के विग्रह हैं।मानस 3/6/4 से 3/8/2, तथा परिस्थिति जन्य।सुतीक्षण आश्रम से सिद्धा पहाड़ः- सिलहा-सिद्धा, (लगभग 12 कि.मी. मात्र)